भोपाल में छह राज्यों के शिक्षक जादुई पिटारे से सीखेंगे खेल-खेल में पढ़ाने के गुर

भोपाल। नई शिक्षा नीति में स्कूली स्तर पर खेल- खेल में शिक्षा देने पर जोर है। इसी को देखते हुए एनसीईआरटी द्वारा जादुई पिटारा नामक किट (खेल-आधारित शिक्षण संसाधन प्रणाली) का निर्माण किया गया। यह किट गत वर्ष लांच की जा चुकी है, लेकिन इसके बारे में अभी शिक्षकों को ज्यादा जानकारी नहीं है।

जादुई पिटारा से जुड़ने एवं संसाधनों के आधार पर नवाचार करते हुए वर्तमान शिक्षा सत्र से इसके दक्षतापूर्वक क्रियान्वयन व संचालन के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (आरईआइ), श्यामला हिल्स में 23, 24 और 26 जुलाई को किया जाएगा।

इस कार्यशाला में मध्य प्रदेश समेत छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, दमन-दीव और नागर हवेली के डाइट के प्राचार्य और स्कूलों के रिसोर्स पर्सन भाग लेंगे। यहां से सीखकर यही लोग अपने-अपने जिलों के शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे।
क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, भोपाल के कला विशेषज्ञ सुरेश मकवाना ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य प्राथमिक शाला के शिक्षकों का प्रोत्साहन और उन्हें अवसर उपलब्ध कराना है, ताकि वे बच्चों को इसके माध्यम से बेहतर तरीके से सिखा सकें। एनसीईआरटी द्वारा जादुई पिटारा को दीक्षा प्लेटफार्म-पोर्टल पर भी डिजिटल रूप से उपलब्ध कराया गया है।

खिलौनों समेत अन्य सामग्री की किट है जादुई पिटारा

नई शिक्षा नीति-2020 में अनुंशसित जादुई पिटारा अत्याधुनिक बाल केंद्रित शिक्षण दर्शन पर आधारित है, जो तीन से छह साल की उम्र के बच्चों के साथ पाठ्यपुस्तकों के न्यूनतम उपयोग का परामर्श देता है। इसके अलावा यह खेल, जीवित अनुभव और किसी की मातृभाषा के उपयोग के आधार पर सीखने को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित करता है।यह पाठ्यपुस्तक की जगह स्वयं में पाठ्यक्रम या पाठ्यवस्तु है, जो मूलतः खेल आधारित शिक्षण की एक किट(बाक्स)के रूप में है। इसमें खिलौने, पहेलियां, कठपुतलियां, पोस्टर, फ्लैश कार्ड, वर्कबुक, पोस्टर, शिक्षक की मार्गदर्शिका पुस्तिका आदि शामिल हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *